दुनिया भगवान की
भगवान तुम्हारी
दुनिया में, अब लोग सताए जाते हैं।
जो मन के साधू होते
हैं, नित दूर भगाए जाते हैं।
जो तन स्वादू होते
हैं, आसन ही बिठाए जाते हैं।
भगवान तुम्हारी
दुनिया में, अब लोग सताए जाते हैं।
जो मन उजले होते हैं,
दूर सभा से कराए जाते हैं
धरम-करम का ढोंग जो करते, नित वही पुजाए जाते है।
श्रीराम तुम्हारी दुनिया में, अब लोग सताए जाते हैं।
कुत्ते-बिल्ली बन घर
की शोभा, नित गले लगाए जाते हैं।
माँ-पिता की सेवा
करलें, न अब लोग वे पाए जाते हैं।
'सुमित' ऐसा कलयुग आन पड़ा, सच लोग
फँसाए जाते हैं।
भगवान तुम्हारी
दुनिया में, अब लोग सताए जाते हैं।
प्रो. डॉ. के के शर्मा 'सुमित'
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