शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

प्रिये

 

प्रिये

आओ बैठो पास हमारे,

नूतन बनी खुमार प्रिये |

कुछ तुम बोलो, कुछ बिन बोले,

समझूँ सारी बात प्रिये  ||

आओ बैठो पास हमारे ,

नूतन बनी खुमार प्रिये |

जीवन का अनमोल रतन तुम,

अर्पित तुमको जीवन-प्राण प्रिये  ||

तुम जीवन के पारस पत्थर

मैं लोहे की खान प्रिये |

जीवन सूखी डाली का सा,

तुम्ही बसंती बहार प्रिये ||

 आओ बैठो पास हमारे ,

नूतन बनी खुमार प्रिये |

 

                                                                                                  श्री कृष्ण कुमार शर्मा "सुमित"


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