आजादी भारत की
यारों नहीं थी आंसां आजादी ऐ प्यारे हिंदुस्तान की ,
खूनों की नदिया बह गई बनी कथा बलिदान की |
सत्तावन में रानी ने रणभेरी बजा लगा दी बाजी जान की,
अंग्रेज़ों के फिर पैर थे उखड़े भीख माँगते जान की |
जयचंदों ने दिया दगा रानी बनी कथा बलिदान की ,
यारों नहीं थी आंसां आजादी ऐ प्यारे हिंदुस्तान की |
फिर अंग्रेज़ों का हिन्द पे बढ़ा जो अत्याचार था ,
मानव को मानव न समझे भरा घड़ा था पाप का |
मंगल पांडे जैसा बेटा जगा नींद से फिर थर्राया ,
आजादी की लगा के आग रची कथा बलिदान की |
यारों नहीं थी आंसां आजादी ऐ प्यारे हिंदुस्तान की ,
खूनों की नदिया वह गई बनी कथा बलिदान की |
लाल,बाल फिर पाल जगे पिस्तल धारी आजाद उठे,
खुदी, भगत और बोष ने फिर रची कथा इतिहास की |
ज्वाला भड़की सकल हिंद में गांधी के आह्वान की,
माता की बेंडी टूटी बेटों की बनी कथा बलिदान की |
यारों नहीं थी आंसां आजादी ऐ प्यारे हिंदुस्तान की ,
खूनों की नदिया वह गई बनी कथा बलिदान की |
अपना कर्तव्य है आया अब रचो कथा माँ के श्रृंगार की,
विश्व पटल पर परचम लहराए बने कथा हिंद महान |
यारों नहीं थी आंसां आजादी ऐ प्यारे हिंदुस्तान की ,
खूनों की नदिया वह गई बनी कथा बलिदान की |
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