मंगलवार, 18 अगस्त 2020

आजादी भारत की

    

आजादी भारत की 


यारों नहीं थी आंसां आजादी ऐ प्यारे हिंदुस्तान की ,

                                        खूनों की नदिया बह गई बनी कथा बलिदान की |

सत्तावन  में रानी ने रणभेरी बजा लगा दी बाजी जान की,

                                        अंग्रेज़ों के फिर पैर थे उखड़े भीख माँगते जान की |

जयचंदों ने दिया दगा रानी बनी कथा बलिदान की ,

                                        यारों नहीं थी आंसां आजादी ऐ प्यारे हिंदुस्तान की |

फिर अंग्रेज़ों का हिन्द पे बढ़ा जो अत्याचार था ,

                                        मानव को मानव न समझे भरा घड़ा था पाप का |

मंगल पांडे जैसा बेटा जगा नींद से फिर थर्राया ,

                                        आजादी की लगा के आग रची कथा बलिदान की |

यारों नहीं थी आंसां आजादी ऐ प्यारे हिंदुस्तान की ,

                                         खूनों की नदिया वह गई बनी कथा  बलिदान की |

लाल,बाल फिर पाल जगे पिस्तल धारी आजाद उठे,

                                        खुदी, भगत और बोष ने फिर रची कथा इतिहास की | 

ज्वाला भड़की सकल हिंद में गांधी के आह्वान की,

                                        माता की बेंडी टूटी बेटों की बनी कथा बलिदान की |

यारों नहीं थी आंसां आजादी ऐ प्यारे हिंदुस्तान की ,

                                        खूनों की नदिया वह गई बनी कथा  बलिदान की | 

अपना कर्तव्य है आया अब रचो कथा माँ के श्रृंगार की,

                                        विश्व पटल पर परचम लहराए बने कथा हिंद महान |

यारों नहीं थी आंसां आजादी ऐ प्यारे हिंदुस्तान की ,

                                        खूनों की नदिया वह गई बनी कथा बलिदान की |

                                        

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